उत्तराखंड का भविष्य भगवान भरोसे है । यहाँ में जो बात कहूंगा किसी को थोड़ी बुरी जरूर लेकिन ये सच है। कल 6 मार्च को देहरादून स्थित परेड ग्राउंड में उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार के द्वारा रोजगार वर्ष मनाया गया वो पूरे लवाब लशक के साथ। किंतु सच्चाई यह है कि 2 साल पूरे रे होने पर सरकार के द्वारा मात्र 50 पद निकाले गये। और प्राइवेट सेक्टर में कोई रोजगार का कोई विकल्प यहाँ है नहीं।सरकार ने 2018 में उत्तराखंड में 80 से ज्यादा रोजगार मेलो का आयोजन किया जिसमें वो कह रहे है कि 2 लाख से ज्यादा लोगो को रोजगार मिला, लेकिन में पूछना चाहता हु की इस सर्कार ने अभी तक किसी नयी कंपनी को यहाँ स्थापित नही किया तो ये vacancy आ कहाँ रही है, ये सब दिखावा है, जमीनी हकीकत हम बेरोजगार ही जानते हैं, कंपनियों में 1-2 साल के लिये नॉकरी दे रे है और गधो की तरह काम करवा के 2 साल बाद निकल दिया जाता है।
सवरोजगार की बात करें तो केवल अधिकारी और नेताओं के नाते रिश्तेदार तक उनका उचित फायदा मिल पाता है । और पिछले दरवाजे पंचायती विभाग में और निगमों में भी इन्हीं के सम्बन्धियों को फायदा मिल रहा है। कल परेड ग्राउंड में जो तमाशा हो रहा था रोजगार के नाम पर वहां असली बेरोजगार को तो प्रवेश भी नहीं किया जा जाने दिया जा रहा था । इसकी खबर जब l.i.u . के माध्यम से वहाँ तक पहुंची तो तब अंदर जाने दिया गया । क्योंकि सरकार डर रही थी कि बेरोजगार संघ के लोग अंदर जाकर इनकी पोल ना खोल दे । और वहाँ भीड़ बनाने के लिये समस्त उतराखड के शिक्षण संस्थानों से गाड़ियां भर भर के बच्चों को जब रन भराकर लाया गया । ये भी सोचने की बात है कि जिसने अभी कम से कम 4.-5 साल शिक्षा ग्रहण करनी है उसको वहाँ बुलाकर क्या फायदा। और उनको एक स्कूल बैग डायरी न भी मुफ़्त में दी गयी ये एक प्रकार से हम प्रचार सामग्री मान सकते हैं । लगभग 1 करोड़ ₹ तक का खर्चा होगा इस तमाशे पर । जो कि केवल धन की बरबादी है। ये सरकार इतनी संवेदन हीन है कि 31 दिसंबर से आज तक इनका कैबिनेट स्तर का मंत्रि बेरोजगार संघ से मिलने का टाइम नहीं निकाल पा रहा है वो भी 10 मिनट मात्र के लिये । वोट मांगने को तो भिखमंगों की तरह चौखट चौखट पर आते हैं लेकिन जब इनको जिता दो इनसे मिलने के लिये जाओ तो ये 50 बहाने मारते है। 80 करोड़ से ऊपर का खर्चा इन्होंने investor meet पर किया था लेकिन अभी तक कोई उधोगपति यहाँ invest खर्च करते नहीं दिख रहा। बात रोजगार की करती है ये सरकार लेकिन all weather road पर जाकर देखोगे तो 90% staff और ठेकेदार बहार के हैं । जबकि यहाँ हजारों की संख्या में शल व शिक्षित बेरोजगार युवा खाली बैठे हैं उनको भी प्राथमिकता नहीं मिली। मैंने भी दिल खोल कर भाजपा का प्रचार किया था इसका मुझे आज भी अफसोस है । और मैं केंद्र की भाजपा का विरोधी अभी भी नहीं हूँ। लेकिन उत्तराखंड की भाजपा का विरोधी जरूर हूँ। क्योंकि यह सरकार हर तरफ से उत्तराखंड का अहित ही कर रही है।।।।
दिखावे का विकास कर रही है बस ।
सवरोजगार की बात करें तो केवल अधिकारी और नेताओं के नाते रिश्तेदार तक उनका उचित फायदा मिल पाता है । और पिछले दरवाजे पंचायती विभाग में और निगमों में भी इन्हीं के सम्बन्धियों को फायदा मिल रहा है। कल परेड ग्राउंड में जो तमाशा हो रहा था रोजगार के नाम पर वहां असली बेरोजगार को तो प्रवेश भी नहीं किया जा जाने दिया जा रहा था । इसकी खबर जब l.i.u . के माध्यम से वहाँ तक पहुंची तो तब अंदर जाने दिया गया । क्योंकि सरकार डर रही थी कि बेरोजगार संघ के लोग अंदर जाकर इनकी पोल ना खोल दे । और वहाँ भीड़ बनाने के लिये समस्त उतराखड के शिक्षण संस्थानों से गाड़ियां भर भर के बच्चों को जब रन भराकर लाया गया । ये भी सोचने की बात है कि जिसने अभी कम से कम 4.-5 साल शिक्षा ग्रहण करनी है उसको वहाँ बुलाकर क्या फायदा। और उनको एक स्कूल बैग डायरी न भी मुफ़्त में दी गयी ये एक प्रकार से हम प्रचार सामग्री मान सकते हैं । लगभग 1 करोड़ ₹ तक का खर्चा होगा इस तमाशे पर । जो कि केवल धन की बरबादी है। ये सरकार इतनी संवेदन हीन है कि 31 दिसंबर से आज तक इनका कैबिनेट स्तर का मंत्रि बेरोजगार संघ से मिलने का टाइम नहीं निकाल पा रहा है वो भी 10 मिनट मात्र के लिये । वोट मांगने को तो भिखमंगों की तरह चौखट चौखट पर आते हैं लेकिन जब इनको जिता दो इनसे मिलने के लिये जाओ तो ये 50 बहाने मारते है। 80 करोड़ से ऊपर का खर्चा इन्होंने investor meet पर किया था लेकिन अभी तक कोई उधोगपति यहाँ invest खर्च करते नहीं दिख रहा। बात रोजगार की करती है ये सरकार लेकिन all weather road पर जाकर देखोगे तो 90% staff और ठेकेदार बहार के हैं । जबकि यहाँ हजारों की संख्या में शल व शिक्षित बेरोजगार युवा खाली बैठे हैं उनको भी प्राथमिकता नहीं मिली। मैंने भी दिल खोल कर भाजपा का प्रचार किया था इसका मुझे आज भी अफसोस है । और मैं केंद्र की भाजपा का विरोधी अभी भी नहीं हूँ। लेकिन उत्तराखंड की भाजपा का विरोधी जरूर हूँ। क्योंकि यह सरकार हर तरफ से उत्तराखंड का अहित ही कर रही है।।।।
दिखावे का विकास कर रही है बस ।
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